Friday 19 December 2014

स्कूल के अध्यापक / अध्यापको के साथ 11 नवम्बर, 2014 को एक दिवसीय फर्स्ट एड स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यशाला रपट

खेजड़ी सर्वोदय सामान्य स्वास्थ्य एवं आई केयर सेन्टर

दिनांक 11 नवम्बर, 2014 को प्रातः 9 बजे सेे सांय 4.00 बजे तक खेजड़ी सर्वोदय स्वास्थ्य केन्द्र की ओर से दिगंतर संस्था, जगतपुरा में प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में जयपुर जिले के आस-पास के 13 गांवों/कॉलोनी से 34 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें 13 प्राईवेट विद्यालयों व 10 महिला ड्राईवर आजाद फाउंडेशन संस्था के पुरुष अध्यापक 6 व महिलाएं अध्यापिकायें 14 व बस्तियों में बच्चों के साथ कार्य कर रही निजी संस्थान से 13 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें 13 महिला व 1 पुरूष थे। कार्यषाला के प्रतिभागियों ने भरपूर आनन्द लिया। प्रतिभागियों का कहना था कि ऐसी कार्यशालाओं में हमे आगे भी जुडने को मौका मिला तो व अवश्य जुडेंगे।

कार्यशाला की अध्यक्षता एवं स्वागत श्रीमति जी.जे. उन्नीथान (मानद निदेशक) खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र ने किया। कार्यशाला में डॉ. विनिता जैन, डॉ. प्रेम शेखावत व डॉ. मारिन जनसन (Physician), ने मानव शरीर की मुख्य बिमारीयों के बारे में एवं घायल व्यक्ति को स्वास्थ्य प्रशिक्षण कैसे दे उसके बारे में अवगत करवाया एवं प्रो. माया टंडन ने पावर पाइंट के जरिये व मानव डमी के जरिये बताया कि हमारा शरीर का कार्य एवं हडडी टूटने पर कैसे अस्पताल पहुचांया जाये और प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाये। 

कार्यशाला में शुरूआती सत्र में सम्मलित हुये सभी अध्यापक/अध्यापिका प्रतिनिधियों के । A,B,C,D  ग्रुप बनाकर चर्चा रखी गई कि उनके विद्यालयों के बच्चों में अधिकतर क्या-क्या बिमारियां नजर आती है। कार्यशाला काफी ज्ञानवर्धक रही और सभी का कहना था कि ऐसी कार्यशालाओ में भाग लेने का अवसर हमें मिलता रहे है तो हम स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लोगो तक पहुचां पायेंगे जिससे अन्य लोग भी जागरूक हो सकेंगे। खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र की मानद निदेशक श्रीमति जी.जे. उन्नीथान ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किये एवं अपना महत्वपूर्ण समय निकालकर आये सभी डॉक्टर एवं प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। दिगंतर संस्थान ने हमेशा की तरह इस बार भी कार्याशाला के लिए स्थान उपलब्ध करवाया, जिसका खेजड़ी संस्थान का हमेशा आभारी रहेगा। कार्याशाला के अंत में श्रीमति उन्नीथान जी ने सभी का आभार प्रकट किया। इस कार्यशाला को सहयोग चिल्ड्रन ऑफ टूमारो निदरलेंड संस्थान द्वारा किया गया।


मूल्यांकन सीट


कुल प्रतिनिधी: 34 पुरूष: 7 महिलायें: 27
                       कुल विद्यालय: 10 संस्थान: 4

सत्र एक: प्रशिक्षण के पहले सत्र में ग्रुप चर्चा आपको कैसी लगी? 

डॉ. मारियन जनसन, डॉ. प्रेम शेखावत एवं डॉ. विनिता जैन ने समूह चर्चा से निकलकर आई बिमारियों के बारे में अवगत कराया एवं प्रतिभागियों को यह चर्चा समूह कैसा लगा वो इस प्रकार विवरण है।

इस प्रशिक्षण के पहले सत्र में हुई ग्रुप चर्चा में अलग-अलग विद्यालयों व संस्थानों सभी अध्यापक/अध्यापिकाओं के ग्रुप ।ए ठए ब्ए क् बना एक दूसरे के विद्यालय में बच्चों के साथ स्वास्थ्य को लेकर आ रही समस्याओं के बारे में चर्चा की सभी ग्रुप ने अपने विद्यालय के एक-दूसरे से चर्चा कर अपने ग्रुप के लीडर को अपनी बात लिखवाई और इसी तरह ग्रुप से अलग-अलग बच्चों की समस्याऐं निकल कर आई जो इस प्रकार है, अधिकतर दांत का दर्द, नाखून खाना, काट खाना, जुकाम होने पर कान में दर्द होना, पेट दर्द (पेट साफ न होना), सिर दर्द, आँखे लाल होना, फोडे फुंसिया, कट लगना, आँखों का कमजोर होना, नाक से नकसीर आना, चक्कर आना, अधिक देर तक बैठने पर सुन होना, उल्टी आना, सिर गर्म होना, बुखार होना, जुकाम, खांसी, अचानक चोट लगना, नाक में चीजे डालना, सिक्का निगलना, होठो को किनारे से कटना इत्यादि बिमारियों को लेकर डॉ. विनिता जैन, डॉ. प्रेम शेखावत व डॉ. मरियन जनसन (जर्मनी) ने इन बिमारियों के बारे में उपाय बताये गये और क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिऐ, इन्ही सब चीजों के लक्षण व परिणाम को लेकर चर्चा की गई।

ग्रुप चर्चा बहुत ही अच्छी लगी व उसमें हमें बच्चों में कौन-कौन सी छोटी-छोटी बिमारियां हो सकती है व उन्हे किस तरह के प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। दस्त होने पर ओ.आर.एस. कितना लाभदायक है व ओ.आर.एस. बनाने की विधी सीखी व प्राथमिक उपचार बुखार, चोट आदि के लिए सीखा व शारीरिक स्वच्छता का महत्व सीखा। हमे बच्चों के बीमारी व स्कूल में चोट लगने व बच्चों में स्कूल में नई समस्या आ जाती है जैसे बुखार आना, पेट दर्द होना। बच्चों के स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियों को समझा एवं उनसे बच्चों के बचाव के उपाय जाने जो हमें बहुत उपयोगी लगे। ग्रुप चर्चा में हमारे को बहुत अच्छी लगी और उनसे हम को बहुत कुछ सिखने को मिला हमारे देश में हो रहे दुर्घटना की समस्या को रोकने चाहिए अत जल्दी से उनका प्राथमिक उपचार करना चाहिए। आँखों के इन्फेक्शन होने पर उसे कैसे साफ करना चाहिए सीखा। इस गु्रप चर्चा में हमने बहुत कुछ सीखा है। जैसे हम छोटे-छोटे घरेलू उपचार स्वंय कर सकते है। इसके लिए मेडिकल सहायता की आवश्यकता नहीं है। बच्चों से सम्बन्धित बिमारियों व परेशानी के बारे में उचित जानकारी मिली। प्रशिक्षण के पहले सत्र में ग्रुप चर्चा हमे बहुत अच्छी एवं प्रेरणा स्पर्द लगी। हमने सीखा कि किस प्रकार हम प्राथमिक उपचार से दुर्घटना के घटने के बाद एवं अस्पताल तक पहुंचने तक रोगी को प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचाने में बहुत हर तक मदद कर सकते है। प्रशिक्षण से हमने सामने आने वाली बिमारियों के बारे में जाना कि उसके क्या लक्षण होते है उन लक्षणों के अनुसार हमे बच्चों को क्या इलाज देना चाहिए ज्यादा लक्षण खराब हो तो डॉक्टर के पास जाने की सलाह देनी चाहिए। ग्रुप चर्चा में हमने बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्तर पर विचार किया हो तो उनके स्तर के बारे में हमें बहुत अच्छा लगा। हमारे सामने दुर्घटना हो तो हमे उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए उसे प्राथमिक उपचार देना चाहिए।

आपने इस सत्र में नई चीज क्या सीखी?

हमने यहां जो नई चीज सीखी वह ये कि किस प्रकार से हम एक घायल पडे इंसान की मदद करके उसके जीवन को बचा सकते हैं, बल्कि यदि प्रभू कृपा से और हमारी मदद से बच जाएं तो उसकी दुआएं भी ले सकते है। यदि बच्चे में कोई गंदी आदत है तो हमें उसका ध्यान बटाकर उसे अच्छी बात बतानी चाहिए। उसका प्राथमिक उपचार कैसे करना चाहिए, सही तरिका सीखा है। विटामिन की कमी से क्या क्या रोग हो सकते है यह जाना। सूर्यमुखी बच्चें को धूप से बचाना चाहिए जाना। हमने बीमारियों से बचने के लिए बैलेन्सड डाइट का महत्वता भी जानी। दूसरो की सहायता कैसी करनी चाहिए। हाईजीन का पूरा ध्यान रखना चाहिए जिससे हम पेट की बिमारियों से बच सकते है। बच्चों की शारीरिक व मानसिक समस्याओं को कैसे दूर करना एवं कैसे उन्हें प्रतिदिन की क्रियाओं में चुस्त और फुर्तीला बनाए रखना। मेरा सवाल था कि बुखार होने पर क्या करना चाहिए। इसमें मैने सीखा की पेरासीटामोल गोली बच्चों को ) तथा बड़ो को 1 गोली उसकी डेट देखकर देनी चाहिए। हमने स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में व सी.पी.आर. के बारे में जाना। हमे नई चीज हमने जो बीमारी के बारे में नहीं जानते थे उसका उपाय सीखा व कारण सीखे व कैसे होती हैं। हमने बच्चों में कान दर्द, पेट एवं बच्चों की शारीरिक कमजोरी को मिटाने के उपाय सीखे। हम किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक उपचार द्वारा व्यक्ति को एम्बूलेन्स 108 आने तक बचा सकते है। हमने सीखा कि हमे बच्चे को तथा अपने आस-पास भी इस क्षेत्र खेजड़ी सर्वोदय अस्पताल का लाभ प्राप्त करें तथा स्वंय के उपचार में आगे चलकर मदद करें। हम अपने स्कूल में होने वाली समस्याओं का समाधान किस प्रकार से कर सकते है। सड़क पर अगर हम कोई दुर्घटना देखेगे तो अब हम घबरायेंगे नही बल्कि दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की जितनी हो सकता है मदद करेंगे।

सांप के काटने पर क्या करे एवं रोगी के जहर को मस्तिष्क तक पहुंचने से पहले रोगी को कैसे बचाया जा सकता है। हमने जाना की बच्चों में किस परेशानी के क्या लक्षण है और हम उस परेशानी को दूर करने में हम अपना सहयोग कहां तक दे सकते है। हमने हमारे आस-पास घटित घटनाओं से बचाव किस प्रकार कर सकते है तथा दूसरों को भी इसकी जानकारी दे सकते है। चोट लगने पर बेहोशी की हालत में क्या करना चाहिए तथा हड्डी को सीधी कैसे रखे टूटने पर। विद्यालय व घर में शारीरिक पीड़ा का कैसे निवारण करना व फर्स्ट एड बॉक्स का प्रयोग करना। आकस्मिक दुर्घटना के बाद फ्रेक्चर को कम्पाउंड फ्रेक्चर में बदलने से बचाव के उपाय। जानवरों के काटने व त्वचा बिमारियों के बारे में जाना।

प्रेक्टीकल प्रस्तुतिकरण से आपने क्या सीखा?

प्रेक्टीकल प्रस्तुतिकरण में हमने सीखा कि हमें किसी घायल को देखकर हमें उसका तमाशबीन न बनकर बल्कि उसकी मदद के हमने सीखा कि जब हाथ की हड्डी टूट जाए तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे हाथ को सीधा रखना चाहिए, इसी तरह पैर की हड्डी टूटने पर भी हमें आस-पास की चीजों को काम मेे लेकर सुपोर्ट देना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने से पहले हम किस तरह मरीज को प्राथमिक उपचार द्वारा आराम पहुंचा सकते है व उसकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ने से बचा सकते है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, उसे शारीरिक अंगों को बिना किसी नुकसान पहुंचाए सुरक्षित रख सकते है। सड़क दुर्घटना होने पर व्यक्ति को कैसे बचाया जा सकता है। अगर किसी की अन्दरूनी चोट लग जाती है तो उसे बर्फ से सेक करना चाहिए जिससे थोड़ा आराम मिल जाता है। वास्तविक परिस्थितियों को प्रकट करता है, दुर्घटना से पहले मरीज को दिया जाने वाल उपचार के बारे में सीखने को मिला तथा मुझे भविष्य में किसी की जान बचाने मे मदद करने का अवसर मिलेगा तो में इसका वहां प्रयोग करेंगे। किस प्रकार से हम एक मरीज को उपचार दे सकते है व मरीज की सहायता कर सकते है।

दुर्घटना के समय चोट लग जाने या सदमें व अन्य कारण से फेफडे व दिल के कार्य न करने से मस्तिष्क को आक्सीजन न मिल पाने से व्यक्ति की मृत्यु 3 मिनट मे निश्चित है परन्तु सी.पी.सी.आर. यानी छाती पर 100 बार दिल पर दबाव डालते है। हमने वास्तविक अवस्था के बारे में सीखा। हड्डी फेक्चर होने पर हम कैसे प्राथमिक उपचार देकर मरीज को ठीक तरह से अस्पताल पहुंचा सकते है। आकस्मिक दुर्घटना के बाद फ्रेक्चर को कम्पांउड फ्रेक्चर में बदलने से बचाव के उपाय सीखा।

प्रो. माया टंडन व डॉ. किरण टण्डन के सत्र में आपको क्या उपयोगी लगा?

इनके सत्र में हमने भाग लेकर यह जाना कि हमारे लिए सांस लेने व छोड़ने की क्रिया जो कि योगा में भी हम सीखते है कि हमारे लिए बहुत सहायक होगा। सभी प्राथमिक उपचार के तरीके जो हम सड़क दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को दे सकते हैं उपयोगी लगे। हमारे आस-पास अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो हम उन्हें प्राथमिक उपचार दे सकते है। चिकित्सा से उस व्यक्ति की जान बचा सकते है। हमने रोड़ सेफ्टी मेजर सीखे व जिम्मेदार नागरिक की तरह ग्रस्त व्यक्ति की मदद करनी चाहिए ताकि लोग रोड़ एक्सीडेन्ट में लोग मरे नही। एक महत्वपूर्ण विषय पर फोकस किया जिससे कि एक्सीडेन्टल डेथ रूल  पर कन्ट्रोल किया जा सकता है। एक्सीडेन्टल वीक्टम को अवोइड नहीं करके अगर उसे प्रोपर फर्स्ट एड दे और अस्पताल पहुंचा दे तो हम ना केवल वीक्टम की जान बचा सकते है बल्कि एक परिवार को खुशी भी दे सकते हैं।

दुर्घटना के समय व्यक्ति को सी.पी.बी.आर. बहुत ही महत्वपूर्ण हैं सी.पी.बी.आर. के द्वारा व्यक्ति की जान बचाना और अस्पताल पहुंचने उसको प्राथमिक उपचार देना। रोड़ एक्सीडेन्ट में किसी को चोट लग जाती है तो सी.पी.सी.आर. देनी चाहिए उसे उसकी जान बच जाती है। हमारे विद्यालय में बच्चों के साथ हो जाने पर हम भी डॉ. टण्डन द्वारा बताया गया उपचार उपयोग में ले सकते हैं। उनका वक्तव्य बहुत आकृषित करने वाले थे तथा उना प्रजेंटेशन अच्छा था। दुर्घटना के बाद व्यक्ति को प्राथमिक उपचार में व्यक्ति की सांस  देकर मदद करने के लिए बताना अच्छा लगा। किसी घायल व्यक्ति की जान बचाना जरूरी है। प्राथमिक उपचार के तरीके में हमें बिना समय बर्बाद किये घायल व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। हमारी एक कोशिश किसी की जान बचा सकती है। दुर्घटना होने पर व्यक्ति के रक्त स्त्राव को रोकने एवं मुंह या श्वास नली को बन्द होने से बचाने के बारे में सीखा। किसी जानवर के काटने पर उपचार व लक्षण सिखाऐं कि किस तरह कि बीमारी का पता उसके लक्षण से पता लगाकर उसका उपचार करवाना चाहिए। प्राथमिक उपचार के माध्यम से जब तक 108 नहीं आये तब तक दुर्घटना से प्रसित व्यक्ति को किस प्रकार कृत्रिम स्वास दिया जा सकता है। मस्तिष्क में होने वाली बिमारी के बारे में कई उपयोगी बाते सीखी। दुर्घटना के बाद मरीज को पहले 3 मिनट में उपचार की विधी का महत्व समझा व सीखा।

यह कार्यशाला आपको कैसी लगी और भविष्य के ऐसी कार्यशालाओं के लिए आपके सुझाव क्या होंगे?

यह कार्यशाला बहुत ही उपयोगी लगी एवं ऐसी कार्यशालाएं भविष्य में भी होती रहनी चाहिए ताकि हर कोई अपने साथ 10 अन्य व्यक्तियों को जोड़कर इसे सीख सके। ऐसी कार्याशालाएं समय-समय पर और नये-नये विषयों पर होती रहनी चाहिए जिसमें ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति भाग ले सके व अपने-अपने परिवार व देश के लिए कुछ कर सके। कार्याशाला काम चलता रहे और बहुत आगे बढ़ बहुत शाखाएं और संस्थाएं इससे जुडे और भविष्य में जान की जान बचाना कितना ज्यादा जरूरी है। यह कार्यशाला हमे बहुत ज्ञानवर्धक लगी एवं हम बच्चों की रोजाना जीवन में होने वाली इनजरी को कैसे केयर कर सकते है। साथ ही माता-पिता को भी इस बारे में कैसे जागरूक कर सकते है। क्या-क्या चीजे बच्चों की सेफ्टी के लिए हम प्लान कर सकते है। ताकि वे घायल न हो तथा रोड़ एक्सीडेन्ट को कम करने के लिए क्या बाते ध्यान में रख सकते है। हम दिल से आभार व्यक्त करते है कि हमें यहां आने का अवसर मिला। आशा है कि भविष्य में हम ऐसी कार्यशालाओं से काफी कुछ सीखेंगे जिससे हम स्वंय को, परिवार को और समाज को सेवा प्रदान कर सके। इस तरह की कार्यशालाओं में आगे भी भाग लेगे। इस तरह की विद्यालय फर्स्ट एड प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिक से अधिक विद्यालयों को जोड़ना चाहिए। जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभ (प्राथमिक उपचार) मिल सके। कार्यशाला साल में एक बार जरूर लगाये जिसे स्वास्थ्य के बारे में जो जानकारी नहीं होती है उसे इस कार्यशाला से प्राप्त होती है जिसे हम स्कूल के स्वास्थ्य के बारे में बता सकते है और यह कार्य शाला लगाकर चलने पर हमको बहुत फायदा मिलेगा और बच्चों को सिखाने का मौका हम देंगे। यह कार्यशाला बहुत अच्छी लगी भविष्य में आगे हमारे योग्य जो हमारे सुझाव होंगे जरूर देंगे मदद भी करेंगे।

हम यहां स्वास्थ्य के बारे में सीखा और जो अनुभव प्राप्त किया वो भी हम आगे करने की कोशिश करेंगे और ऐसे कामों में भाग लेंगे। खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ द्वारा आयोजित होने वाले एक दिवसीय शिविर में दैनिक जीवन में सम्बन्धित बीमारियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताकर टीचरों को अपने विद्यालय में अपने छात्रों के स्वास्थ्य में सुधार करने में बड़ी सहायता मिलेगी तथा उन्हें इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाने से अपने छात्रों को अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है। मुझे इनके कार्यक्रम से अनेक सामान्य बातों के बारे में अनेक जानकारी मिली। कार्यशाला सभी के लिए लाभदायक है। इस कार्यशाला में आज पहले बार आई हूं इसमे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है, मै चाहती हूं कि यह कार्यशाला उन्नती की ओर जाये। हम चाहते है इस प्रकार की बच्चों से सम्बन्धित कार्यशाला का आयोजन विद्यालयों में भी किया जाए जिससे बच्चों की अन्य समस्याओं का समाधान हो सके। डी.वी.डी. अन्य लोगों को भी मिल सके तो अच्छा है। भविष्य में ऐसी कार्यशालाओं का समय-समय पर आयोजन होने से लोगो में चेतना पैदा की जा सकती है। इस कार्यशाला से हम जान पाये की एक अच्छे नागरिक के क्या कर्तव्य है। हम चाहेंगे कि हमे इस कार्यशाला में दोबारा आने का अवसर प्राप्त हो ताकि हमे ओर कई जानकारिया प्राप्त हो और हम दूसरों की मदद करें सबको इस कार्यशाला के बारे में बताये और दूसरों को भी  लोगों कि मदद करने को कहे कि वो बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति कि किस तरह मदद कर सकते है। यह कार्यशाला कॉलेज, स्कूल कि बड़ी कक्षाओं में भी यही सब कुछ बताया जाए ताकि यंगस्टर लोग ड्राइविंग संभल कर करे। शिक्षको के अलावा यदि अभिभावक व आम लोगों की ऐसी कार्यशालाओं से जोड़ा जाये तो जागरूकता बढेगी। हम आगे भी कार्यशाला में भाग लेगे ताकि हमे शारीरिक व मानसिक स्तर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हो। भविष्य में ज्यादा से ज्यादा अध्यापक इससे जुडे क्योंकि समाज में अध्यापक सीधा समाज से जुड़ा होता है व आम आदमी उस पर विश्वास करता है कि ये जो काम करेगा जिम्मेदारी से करेगा अतः अध्यापक व बच्चों को भी प्राथमिक चिकित्सा प्रेक्टीकल करवाई जावें।

आप अपने विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए क्या करते है व अब आगे क्या करेंगे?

हमारे विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य के विषय में वैसे हम समय-समय पर बताते रहते हैं लेकिन अब इस सत्र में जुड़ने के बाद और अधिक जानकारी प्राप्त कर वैसी जानकारी भी विद्यालय में सभी को बतायेंगे। हम अपने विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फर्स्ट एड किट रखते है, साल में दो बार डॉक्टर से जांच करवाते हैं व समय पर विद्यालय का फर्नीचर व झूलों की जांच करवाते है और अब आगे भी करवाते रहेंगे। हम विद्यालय में बच्चों  के स्वास्थ्य को लेकर बहुत जागरूक है, हम पूरा फर्स्ट एड किट विद्यालय में रखते है और हम कोशिश करते है कि बच्चों को चोट से कैसे बचाया जाऐ ताकि वो घायल न हो क्योंकि नन्हें बच्चे हम माता-पिता के बाद हम अध्यापक पर ही निर्भर होते है। हम अपने बच्चों का हैल्थ एवं हाईजीन का पूरा ध्यान रखते है। भविष्य में हम उन्हें अपना और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देंगे। क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।

हमारे विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य के लिये हम आवश्यकता होने पर शीघ्र प्राथमिक उपचार करेंगे। हमे जो कार्याशाला में स्वास्थ्य के बारे सीखा है वो सभी बातें प्रेक्टिकल के रूप मंे बच्चों को बतायेंगे। हम हमारे विद्यालय में स्वास्थ्य सम्बन्धित छोटी-छोटी लापरवाही से सजग करके बच्चों के अन्दर अच्छी सोच विकसित करवाने का प्रयास करेंगे। जिससे बच्चे स्वस्थ रहकर अच्छी प्रकार से शिक्षा अर्जन कर सके। हम स्कूल के बच्चों के लिए इनके बताइए गए उपचारों का प्रयोग करेंगे इसे हमको कुछ सुविधाएं मिलेगी बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार लाएगा। स्वास्थ्य के लिए जो प्राथमिक उपचार होगा उसे उपलब्ध करायेंगे व ज्यादा समस्या होने पर उनके माता-पिता को समझायेंगें। हम पहले विद्यालय के बच्चों के बारे मंे इतने जागरूक नहीं थे लेकिन इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में आने के बाद अब में नित्य बच्चों के स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देंगे तथा बच्चों को अनेक बीमारियों से बचाने में सहायता करेंगे। हमारे विद्यालय के बच्चें स्वास्थ्य के लिए खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र से जुडे हुए है व हम आगे भी इस स्वास्थ्य से जुड़े रहना चाहते है। हम उन्हें रोज सफाई से रहने के लिए प्रेरित करते है। उन्हें अच्छे व सही समय पर खाना खाने व अपना सफाई से रहने के लिए आगे प्रेरित करेगे। हम अपने विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य के फर्स्ट एड का इस्तेमाल करते हैं। हम अपने विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए रोजना उनके दांत, नाखुन व बाल चेक करते है। बच्चों को सफाई से रहने का सफाई का ध्यान रखने के निर्देश देते है। हम अपने विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण को वास्तविक जीवन में एवं विद्यालय प्रांगण में लागू करेंगे एवं अब आगे भी जन जाग्रति कार्यक्रम को जारी रखेंगे। हमारी संस्था में युवतियों को प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी जाती है, साथ ही युवतियां जो ट्रेनिंग लेती है उनकी आँखों की जांच व खून की जांच करवाई जाती है। आगे से सड़क सुरक्षा के नियमों को बतायेगे। हम अपने विद्यालय के बच्चों के प्रति जागरूक है तथा बच्चों को स्वास्थ्य सम्बन्धित जानकारी देते है। जिन तरिको को अपना कर बच्चे स्वस्थ रहे ऐसे तरिके उन्हें बताते है। हाथ धोना, पूरा पोषण लेना इन पर कार्य करते रहते है। अब दुर्घटना मे मदद व फर्स्ट एड को लेकर कार्य करेंगे। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनकी शारीरिक व मानसिक स्तर ऊँचा उठाने का प्रयास करेंगे। हमारे विद्यालय में साल में 2 बार बच्चों को स्वास्थ्य परिक्षण किया जाता है उस परिक्षण के विश्लेषण के बाद बच्चों के लिए डॉक्टरी सलाह ली जाती है, साथ ही समय-समय पर मौसमी बीमारियों व पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है। बच्चों को आवश्यकता होने पर प्राथमिक उपचार दिया जाता है। उसके बाद भी घर जाकर माता-पिता के उचित सलाह व मदद उपलब्ध करवायी जाती है। बच्चों को स्वास्थ्य का महत्व समझाकर स्वस्थ्य बालक, स्वास्थ व तेजस्वी समाज बनाने की कोशिश करेंगे।


भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक


Monday 1 September 2014

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के द्वारा जगतपुरा से 15 किमी. दूर बसे गांव भूरथल के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के 124 बच्चों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं 57 छात्राओं का हिमोग्लोबिन की जांच निःशुल्क की गई।

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर पिछले 18 वर्षों से सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण निःशुल्क करता आ रहा है। दिनांक 25, 26, 28 अगस्त माह 2014 को जगतपुरा, जयपुर से 15 किलोमीटर दूर स्थित भूरथल गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के 124 बच्चों का खेजडी स्वास्थ्य केन्द्र की टीम द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं 57 छात्राओं की हिमोग्लोबिन की जांच की गई।

डॉ. प्रेम शेखावत एवं डॉ. उषा संघी, नर्स ममता एवं लेबटेकनिशियन बाबूराज एवं स्वास्थ्य समन्वय भँवर लाल कुमावत द्वारा बच्चों की वजन, ऊँचाई, आँखों की दृष्टि जांची गई एवं लगभग 55 प्रतिशत बच्चों का कम वजन पाया गया। जिन बच्चों को सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, पेट दर्द, कान, आँख, त्वचा, पेट सम्बन्धी बिमारियां पाई गई उन सभी बच्चों निःशुल्क दवाईयां विद्यालय में ही दी गई एवं जो ज्यादा गंभीर बिमारी से ग्रसित बच्चें पाये गये उन बच्चों खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर किया गया। जहां सभी बच्चों का मुफ्त ईलाज किया जायेगा। विद्यालय के 124 छात्र/छात्राओं में से 5 आंखों के लिए, 1 कान के लिए, 6 सामान्य फोलोअप के लिए एवं 2 छात्राओं को गंभीर हिमोग्लोबिन की कमी होने के कारण रेफर किया गया।

खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालय भूरथल की 12 वर्ष से ऊपर की 57 छात्राओं का हिमोग्लोबिन की निःशुल्क जाँच की गई। सभी छात्राओं को एक पीले रंग का हिमोग्लोबिन कार्ड दिया गया जिसमें लिखा गया कि जांच के दौरान छात्रा का कितना हिमोग्लोबिन है एवं कम हिमोग्लोबिन होने पर क्या-क्या करना चाहिऐ। हिमोग्लोबिन जांच के दौरान 5 छात्राओं को खून की कमी पाई गई।

जिन-जिन छात्राओं को खून की कमी पाई गई उन सभी छात्राओं को आईरन फोलिक एसिड एवं प्रोटिन सिरप निःशुल्क दि गई एवं जिन छात्राओं मे ज्यादा खून की कमी पाई गई उन सभी छात्राओं के परिजनों के साथ खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र आने को कहा गया। छात्राओं के भोजन मे सुधार करने की जरूरत है और इनको निरतंर एक माह तक आईन फोलिक एसिड दवाईयां खिलाने की जरूरत है। खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र की टीम ने जिन छात्राओं को खून की ज्यादा कमी पाई गई उनकी जांच के दौरान उन 5 छात्राओं का 10 दिन बाद दूबारा फोलोअप किया जायेगा। खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र की टीम द्वारा जिन छात्राओं का हिमोग्लोबिन कम पाया गया है।

Free school health check up/hemoglobin test at Government Secondary School, Burthal (15 km east of the Health Centre) August 2014.

Since the last 18 years our Khejri General Health and Eye Care Centre has been providing free medical check-ups and treatment at both Government and private schools in our area.

On 25th, 26th, 28th August 2014 we went 15 km to Burthal village and examined 124 students and checked the hemoglobin of 57 adolescent girls. Dr. Prem Shekhawat and Dr. Usha Sanghi, extensively examined the children and prescribed medicines, where needed. Sister Mamta, lab technician Babu Raj and school health coordinator Bhanwar Lal Kumawat were busy checking the children's height, weight and vision.

Almost 55% of the children were below standard Indian weight. Children suffering from cold, cough, headache, stomach ache, ear ache, eye and skin problems were provided on the spot free medicines. Those showing more serious deficiencies and illnesses were referred to come to the Khejri Health Centre for further free investigations and treatment (5 for eye, 6 General Follow-up examinations, 1 for ENT and 2 Hemoglobin low).

All 57 girl students who were examined for hemoglobin were provided a card with their rating plus detailed advice as to how to increase their hemoglobin and what causes anemia. 5 students had severe low hemoglobin: <7 iron folic acid and protein/vitamin syrup were provided free of cost to these students to start with for 1 month. Their parents were called to the school and the doctor explained to them the danger of anemia and how to increase the girls’ diets.



भँवर लाल कुमावत
एस.एच.पी. समन्वयक

Wednesday 6 August 2014

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर द्वारा निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर सम्पन्न हुआ।

दिनांक 3 अगस्त, 2014 को प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक निःशुल्क नेत्र स्क्रीनींग कैम्प खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर, टोडीरमजानीपुरा, जगतपुरा जयपुर में आयोजित किया गया। जिसमें मुरली विहार, राम नगरिया, अशोक वाटिका, जयपुरा, खौनागोरियान, रेल्वे कॉलोनी, लुणियावास, दौसा, खातीपुरा, आर.एस.डब्ल्यू, झोटवाड़ा, सोडाला, चैनपुरा, बस्सी, गिलारिया, पवन विहार, कानडवास, चाकसू, आमेर, भूरथल, छतरपुरा, रोहिणी नगर, जगतपुरा, शास्त्री नगर, घाटगेट, इंदिरा गांधी नगर, कुन्दनपुरा, गोनेर, चुरू के 94 लोगों ने निःशुल्क नैत्र चिकित्सा शिविर कैम्प का लाभ उठाया। 

नैत्र विशेषज्ञ डॉ. अपूर्व कोटिया (खेजड़ी हैल्थ सेन्टर), द्वारा आँखों की बिमारियों के बारे में रोगियों को परामर्श दिया गया एवं जिन रोगीयों के मोतिया बिन्द की बीमारी के लिए 25 रोगियों को ऑपरेशन निःशुल्क करवाने हेतु खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर दिनांक 4 अगस्त एवं 8 अगस्त को बुलाया गया। दिनांक 4 अगस्त, 2014 को खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर पर 14 रोगियों का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया एवं निःशुल्क दवाइयाँ भी दी गई एवं बाकि बचे रोगियों को दिनांक 8 अगस्त को ऑपरेशन किया जायेगा।

स्वास्थ्य समन्वयक भँवर लाल कुमावत द्वारा बताया गया कि निःशुल्क नेत्र स्क्रीनींग केम्प में 94 नेत्र रोगीयों का जिसमें बुजूर्ग, महिलायें, नौजवान, एवं बच्चों का निःशुल्क पंजीकरण कर उन्हें डॉक्टर द्वारा नेत्र परामर्श दिया गया एवं पुनित शर्मा ने 25 प्रतिनिधियों ने शुगर (डायबेटिक), बी.पी. आदि की जांच भी निःशुल्क की गई। कैम्प में आये प्रतिनिधियों को आई ड्राप भी निःशुल्क दी गई।

स्वास्थ्य समन्वयक भँवर लाल कुमावत का कहना है कि खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र समय-समय पर निःशुल्क नेत्र स्क्रिनींग कैम्प का लम्बे समय से आयोजन करता आ रहा है। कैम्प का आयोजन करने का एक ही मकसद है कि ग्रामीण, कच्ची बस्ती की महिलाओं, बच्चों एवं बुजूर्गाें को कैम्प के माध्यम से लाभ मिल सके एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रह सके।

भँवर लाल कुमावत
(स्वास्थ्य समन्वयक)

Wednesday 23 July 2014

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के द्वारा 6 किमी. दूर झालाना कच्ची बस्ती, जयपुर के रूरल कनेक्शन फाउण्डेशन में अध्ययनरत 74 बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य परिक्षण एवं 23 छात्राओं का हिमोग्लोबिन की जांच निःशुल्क की गई।

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर पिछले 18 वर्षों से सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण निःशुल्क करता आ रहा है। दिनांक 16, 17 जुलाई माह, 2014 को 6 किलोमीटर दूर स्थित झालाना कच्ची बस्ती, जयपुर के रूरल कनेक्शन फाण्डेशन के 74 बच्चों का खेजडी स्वास्थ्य केन्द्र की टीम द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य परिक्षण एवं 23 छात्राओं को हिमोग्लोबिन की जांच निःशुल्क की गई। जिसमें डॉ. उषा संघी, नर्स प्रसन्ना एवं लेबटेकनिशियन बाबूराज एवं स्वास्थ्य समन्वय भँवर लाल कुमावत द्वारा बच्चों की वजन, ऊँचाई, आँखों की दृष्टि जांची गई एवं लगभग 75 प्रतिशत बच्चों का कम वजन पाया गया। 

जिन बच्चों को सर्दी, जुकाम, पेट दर्द, कान, आँख, त्वचा, पेट सम्बन्धी बीमारियाँ  पाई गई उन सभी बच्चों निःशुल्क दवाईयां विद्यालय में ही दी गई एवं जो ज्यादा गंभीर बिमारी से ग्रसित बच्चें पाये गये उन बच्चों खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर किया गया। जहां सभी बच्चों का मुफ्त ईलाज किया जायेगा। विद्यालय के 74 छात्र/छात्राओं में से 8 आंखों के लिए एवं 9 सामान्य बिमारियों के लिए रेफर किया गया।



खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा रूरल कनेक्शन फाण्डेशन में अध्ययनरत 23 छात्राओं का हिमोग्लोबिन की निःशुल्क जाँच की गई। सभी छात्राओं को एक पीले रंग का हिमोग्लोबिन कार्ड दिया गया जिसमें लिखा गया कि जांच के दौरान छात्रा का कितना हिमोग्लोबिन है एवं कम हिमोग्लोबिन होने पर क्या-क्या करना चाहिए। हिमोग्लोबिन जांच के दौरान 3 छात्राओं को गंभीर खून की कमी पाई गई। जिन-जिन छात्राओं को खून की कमी पाई गई उन सभी छात्राओं को आईरन फोलिक एसिड एवं प्रोटिन सिरप निःशुल्क दि गई।

दिनांक 23 जुलाई, 2014 को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के वाहन में स्वास्थ्य समन्यवक भँवर लाल कुमावत ने रूरल कनेक्शन फाउण्डेशन के विद्यालय में से रेफर किये गये बच्चों को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया जंहा डॉ. प्रेम शेखावत एवं स्वास्थ्य समन्वयक भँवर लाल कुमावत ने 15 बच्चों का फोलोअप किया जिसमें 4 बच्चों बच्चों निःशुल्क जांच की गई जिसका परिणाम 3 बच्चों की नारमल रपट आई और एक छात्र की खून की कमी गंभीर पाई गई एवं एक बच्चे को आंख चश्मा निःशुल्क दिया गया एवं बच्चों को प्रोटीन सिरप एवं दवाईयां भी निःशुल्क दी गई एवं एक छात्र को मनोचित्सालय, आदर्श नगर रेफर किया गया। 

खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के स्वास्थ्य समन्वयक भँवर लाल कुमावत ने रूरल कनेक्शन फाण्डेशन संस्था के प्रबन्धक सोमबीर सिंह को भी बताया कि इन सभी बच्चों पर ध्यान आकृषित करने की जरूरत है एवं निरन्तर बच्चों का फोलोअप करते रहे एवं बच्चों के परिवारजनों को स्वास्थ्य के प्रति जाग्रत करने की कोशिश करे, ताकि सभी बच्चे स्वस्थ्य जीवन यापन कर सके। 





भँवर लाल कुमावत
एस.एच.पी. समन्वयक

Tuesday 20 May 2014

Annual Report 2013-14



KHEJRI SARVODAYA GENERAL HEALTH AND 
EYE CARE CENTER

independent unit of 
JAIPUR WORLD CITY SOCIETY
(a non-profitable organization)

Annual Report 2013-2014
Drawing by Students of Bal Bharati School, Dantali

Monday 7 April 2014

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर ने भास्कर पब्लिक स्कूल के 66 बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं हिमोग्लोबिन टेस्ट किया एवं मुफ्त दवाईयां भी दी गई।

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के ‘‘विद्यालय स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ के तहत भास्कर पब्लिक स्कूल, खातीपुरा रेल्वे स्टेशन के सामने, राजीव गांधी नगर, जयपुर के बच्चों का खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया गया। 



दिनांक 20, 21 मार्च, 2014 में खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर दल से डॉ. प्रेम शेखावत, सिस्टर प्रसन्ना, ममता एवं विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम समन्वयक भँवर लाल कुमावत भास्कर पब्लिक स्कूल पहुंचे। चिकित्सक दल ने बच्चों को बारी-बारी से बुलाकर उनकी लम्बाई, वजन और आंखों की जांच की व अन्य संबंधी रोगों का परामर्श दिया।  चिकित्सक ने रोग ग्रस्त बच्चों को मुफ्त दवाइयां दी। इन बच्चों में खांसी-जुकाम, सिर दर्द, पेटदर्द एंव आँख जैसी सामान्य शिकायतें मिली। 

स्वास्थ्य प्रशिक्षण के दौरान 66 बच्चों के स्वास्थ्य प्रशिक्षण कर उन्हें चिकित्सकीय परामर्श और मुफ्त दवा दी गई। लगभग 30 प्रतिशत बच्चों का उनकी उम्र के अनुसार कम वजन के पाये गये। 5 बच्चों को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर रैफर किया गया। जिसमें 4 सामान्य खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र रेफर किया गया एवं 1 बच्चे को जयपुरिया हॉस्पीटल में रेफर किया गया। 

दिनांक 20 मार्च, 2014 को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के लेबटेनिशियन बाबू राज नायर एवं भंवर लाल कुमावत ने विद्यालय की 16 छात्राओं को हिमोग्लोबिन टेस्ट निःशुल्क किया गया। जिसमें एक छात्रा को बहुत कम मात्रा में हिमोग्लोबिन पाया गया टेस्ट के दौरान। जिसको तुरन्त उसके परिवारजनों को बुलवा कर खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर किया गया।




भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक

Sunday 6 April 2014

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर ने रामदास पब्लिक स्कूल के 74 बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं हिमोग्लोबिन टेस्ट किया एवं मुफ्त दवाईयां भी दी गई।

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के ‘‘विद्यालय स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ के तहत रामदास पब्लिक स्कूल, इंदिरा गांधी नगर सेक्टर-6, जयपुर के बच्चों का खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया गया। 




दिनांक 6, 7 मार्च, 2014 में खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर दल से डॉ. उषा संघी, सिस्टर प्रसन्ना एवं विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम समन्वयक भँवर लाल कुमावत रामदास पब्लिक स्कूल पहुंचे। चिकित्सक दल ने बच्चों को बारी-बारी से बुलाकर उनकी लम्बाई, वजन  और आंखों की जांच की। चिकित्सकों ने बच्चों का मुँह  खुलवाकर और रोग ग्रस्त बच्चों को मुफ्त दवाइयां दी। इन बच्चों में खांसी-जुकाम, सिर दर्द, पेट दर्द, आँख जैसी सामान्य शिकायतें मिली। 

स्वास्थ्य प्रशिक्षण के दौरान 74 बच्चों के स्वास्थ्य प्रशिक्षण कर उन्हें  चिकित्सकीय परामर्श और मुफ्त दवा दी गई। लगभग 25 प्रतिशत बच्चों का उनकी उम्र के अनुसार कम वजन के पाये गये। 10 बच्चों को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर रैफर किया गया। जिसमें 6 आँखों, 3 कान, 1 सामान्य खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र रेफर किया गया।

दिनांक 13 मार्च, 2014 को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के लेबटेनिशियन बाबू राज नायर एवं भंवर लाल कुमावत ने विद्यालय की 9 छात्राओं को हिमोग्लोबिन टेस्ट निःशुल्क किया गया। 


भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर ने विविध संस्थान में जगतपुरा की कृष्णपुरी कच्ची बस्ती के 57 बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया एवं मुफ्त दवाईयां भी दी गई।

खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के ‘‘विद्यालय स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ के तहत विविध संस्थान, कृष्णपुरी कच्ची बस्ती जगतपुरा के बच्चों का खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया गया। 




1 मार्च, 2014 में खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर दल से डॉ. उषा संघी, डॉ. प्रेम शेखावत, सिस्टर प्रसन्ना एवं विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम समन्वयक भँवर लाल कुमावत विविध संस्थान के कार्यालय कृष्णपुरी कच्ची बस्ती पहुंचे। चिकित्सक दल ने बच्चों को बारी-बारी से बुलाकर उनकी लम्बाई, वजन व आंख की जाँच की और बच्चों से उनकी बीमारियों के बारे में पूछकर पता लगाया। चिकित्सकों ने रोग ग्रस्त बच्चों को मुफ्त दवा दी। इन बच्चों में दाद-खुजली, खांसी-जुकाम, सिर दर्द, पेटदर्द, जैसी सामान्य शिकायतें मिली। स्वास्थ्य प्रशिक्षण के दौरान विविध संस्थान के प्रतिनिधियों ने चिकित्सा टीम को धन्यवाद दिया। 


स्वास्थ्य प्रशिक्षण के दौरान 57 बच्चों के स्वास्थ्य प्रशिक्षण कर उन्हें  चिकित्सकीय परामर्श और मुफ्त दवा दी गई। लगभग 40 प्रतिशत बच्चों का उनकी उम्र के अनुसार कम वजन के पाये गये। 8 बच्चों को खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर रैफर किया गया। जिसमें 1 आँखों, 1 सामान्य, 4 टेस्ट (जांच), खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र रेफर किया गया एवं 2 बच्चो को एस.एम.एस. अस्पताल रेफर किया गया। 





भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक

Tuesday 4 March 2014

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 256 रोगियों ने परामर्श लिया और 15 लोगों ने आँखों के निःशुल्क ऑपरेशन करवाये ।

On 23rd February 2014 a multi speciality camp was organised at the Health Centre itself. Extensive publicity done in the neighbourhood brought 256 patients to the camp. The major no. of patients was for eye treatment. Subsequently 15 patients were provided free operations for cataract.The laboratory provided 48 free investigations; free medicines were handed out; a cancer awareness camp was held and 24 women were investigated for breast cancer..

 दिनांक 23 फरवरी, 2014 को खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर, टोडीरमजानीपुरा, जगतपुरा जयपुर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर सम्पन्न हुआ गांव, ढाणियों, कॉलोनीयों 256 लोगों ने अपने स्वास्थ्य के बारे में परामर्श लिया।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में निम्न विशेषज्ञों द्वारा जाँच, परामर्श सुविधा दी गई:-

  • फिजिशियन (हदय एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ) - डॉ. हनुमान सिंह, डॉ. प्रेम शेखावत नें 63 रोगीयों को परामर्श दिया। 
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ - डॉ. अरूणा कँवर ने 12 महिलाओं को परामर्श दिया। 
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ - डॉ. अपूर्व कोटिया ने 120 रोगियो को परामर्श दिया एवं 15 रोगियों को मोतियाबिन्द के ऑपरेशन किये गये। 
  • नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ - डॉ. रितु गुप्ता ने 33 रोगियों को परामर्श दिये। 
  • दन्त रोग विशेषज्ञ - डॉ. संजय गुप्ता नें 29 रोगियों को परामर्श दिये। 
  • डॉ. सुभाष मोटवाल एवं डॉ. कोटवाल (कैंसर रिलीफ सोसायटी, एस.एम.एस. हॉस्पीटल) 
  • डॉ. सुमन गहलोत एवं कोशिश संस्थान (Mastectomy Association of India, Jaipur) के 3 वॉलियन्टरी सदस्यों द्वारा की गई जिसमें ब्रेस्ट कैंसर के 24 महिलाओं की जांच की गई जिसमें 2 महिलाओं रैफर किया गया। 

कैम्प के दौरान 214 रोगियों को मुफ्त दवाईयां दी गई एवं 48 रोगियों की जांच निःशुल्क की गई औरं 15 मोतिया बिन्द के ऑपरेशन निःशुल्क किये गये।









चिकित्सा शिविर को सहयोग: रोमा बक्शी मेमोरियल फण्ड द्वारा किया गया। 


        
  








































































भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक

14 सरकारी व् गैर सरकारी विद्यालयों के अध्यापक, अध्यापिकाओं व् सीनियर छात्र / छात्राओं के साथ फर्स्ट एड स्वास्थ्य प्रक्षिशण कार्यशाला संपन्न हुई ।

दिनांक 15 फरवरी 2014 को प्रातः 9.30 बजे सेे सांय 4.00 बजे तक खेजड़ी सर्वोदय स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा दिगंतर संस्था, जगतपुरा में एक दिवसीय प्राथमिक उपचार प्रक्षिशण कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में जयपुर जिले के आस-पास के 12 गांवों से 32 प्रतिनिधिओ ने सरकारी व प्राईवेट विद्यालयों से 11 महिला अध्यापिकाये, 10 पुरूष अध्यापक, सिनियर 7 छात्राओ व 4 छात्र ने भाग लिया। कार्यशाला के प्रतिभागियों ने प्रक्षिशण का आनन्द लिया। 


कार्यशाला की अध्यक्षता एवं स्वागत श्रीमति जी.जे. उन्नीथान (मानद निदेशक) खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र ने कीया। कार्यषाला में डॉ.अपूर्व कोटिया (ऑख विषेषज्ञ), डॉ. सुनीता शर्मा (Physician), ने मानव शरीर की मुख्य बिमारीयों के बारे में एवं घायल व्यक्ति को स्वास्थ्य प्रशिक्षण कैसे दे उसके बारे में अवगत करवाया एवं प्रो. माया टंडन ने पावर पाइंट के जरिये व मानव डम्मी के जरिये बताया कि हमारा शरीर का कार्य एवं हडडी टुटने पर कैसे अस्पताल पहुचांया जाये और हडडी टूटने पर प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाये। 


कार्यशाला में सभी प्रतिनिधियों को आग लगने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे व डॉ. माया टण्डन द्वारा सी.पी.आर. कैसे दिया जाता है उसे लेकर ब्रोशर भी वितरीत किये गये एवं सामाजिक विधि अध्ययन संस्थान जयपुर द्वारा सभी प्रतिनिधियों को ‘‘अ से अधिकार’’ नामक पुस्तिका भी दी गई जिसमे बाल अधिकारों के सम्बन्ध में एक दृष्टिकोण है। कार्यशाला काफी ज्ञानवर्धक रही और सभी का कहना था कि ऐसी कार्यशालाओ में भाग लेना अवसर हमें मिलता रहे है तो हम स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लोगो तक पहुचां पायेंगे जिससे अन्य लोग भी जागरूक हो सकेंगे। कार्यशाला के अन्त में खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र की मानद निदेशक श्रीमति जी.जे. उन्नीथान ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किये गये एवं सभी आये डॉक्टर एवं प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। 

इस  कार्यशाला को सहयोग चिल्ड्रन ऑफ टूमारो निधारलेंड एवं दिगंतर संस्थान द्वारा किया गया। 

मूल्यांकन सीट

कुल प्रतिनिधी : 32 पुरूष: 10 महिलायें : 11
                               छात्र: 4 छात्रायें    : 7
कुल विद्यालय : 14 सरकारी विद्यालय  : 2 गैर सरकारी विद्यालय : 12

सत्र एक: आंखो में होने वाली बीमारियां के बारे उपयोगी बातें:-

डॉ. अर्पूव कोटिया (ऑख विशेषज्ञ) ने अपने सत्र में पावर पाइंट प्रस्तुति के जरिये निम्न प्रकार की जानकारिया दी गई जैसे मोतियाबिन्द, मधुमेह, आंखो में सूजन, लेंस, इंफेक्शन, चोटग्रस्त, आंख का पर्दा फटना, डायबीटीज से आंखो में क्या समस्या होती है, आंख की बीमारियों के लक्षण के बारे में, चश्मा किस कारण लगता है, आंख मे कुछ गिर जाने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे, आंख में प्रतिबिम्ब कैसे बनता है, आंखो की सुरक्षा व बचाव कैसे रखे, आंख का प्राथमिक उपचार के बारे में, आंखो के लिए संतुलित क्या-क्या आहार लेना, कम्प्यूटर व टी.वी. को सीमित दूरी से देखना, पलको को समयनुसार झपकाते रहना इत्यादि के बारे जानकारी दी। 

सत्र दूसरे: मानव शरीर क्या जाना और क्या उपयोगी लगा?

डॉ. सुनीता शर्मा ने अपने सत्र में पावर पाइंट प्रस्तुति के जरिये फोटोग्राफ एवं विडियों दिखा कर निम्न प्रकार की जानकारिया दी जैसे मानव शरीर की संरचना के बारे में, शरीर को किस प्रकार स्वच्छ रख सकते है, मधुमेह, नकसीर आना, दिल का दौरा पड़ना, नाक, श्वास, गला, मुह, मस्तिष्क, हदय, फेफडे की बिमारियों व उपचार के बारे जानकारी दी गई, सांप, जानवर, कुत्ते, बन्दर व अन्य जानवर के काटने पर क्या प्राथमिक उपचार करे उसके बारे में बताया गया, मिर्गी के दोरे आने पर क्या करना, बेहोशी की हालत मे क्या करना, शरीर में दर्द होने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे उसके बारे में, शरीर का कौनसा अंग किस कारण प्रभावित होता है और उसे उन कारणों से प्रभावित होने से कैसे बचाना है अन्य जानकारी दी गई।

सत्र तीसरा: प्राथमिक उपचार के तरीके :-

डॉ. सुनीता शर्मा एवं सीनीयर नर्स श्रीजा ने प्रेक्टिकल करके दिखाया कि हाथ, पैर, कमर, हडडी पर आई चोट पर प्राथमिक उपचार के बारे में पटटी बांधना, खपच्चियां किस तरह बांधना यह अवगत करवाया गया, चोट लगने पर बहते हुए खून को कैसे रोका जाये एवं क्रत्रिम स्वांस क्रिया से मरीज को श्वास चल सकती है और मरीज की जान भी बचा सकते है, जीवन की सुरक्षा प्रणाली के बारे में बताया गया।





प्रो. माया टंडन ने अपने सत्र में निम्न जानकारी विधिवत रूप से पावर पाईंट एवं अपनी वॉइस द्वारा प्रस्तुति करके व प्रेक्टीकल रूप करके दिखाया व अन्य जानकारी भी दी गई जैसे-डोकुमैन्ट्री फिल्म के जरिये सड़क दुर्घटनागस्त व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते है, सडक दुर्घटना, आग से जलना, पानी में डूबने, बिजली का झटका लगने पर रोगी को क्या प्राथमिक उपचार दे सकते है। स्वशन क्रिया के माध्यम से कैसे दुर्घनाग्रस्त व्यक्ति को बचाया जा सकता है, डम्मी द्वारा बेहोष व्यक्ति को कृत्रिम श्वास देकर आप उसे होष में लाना, कैसे आप किसी व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दे कर उसे सुरक्षित अस्पताल पहुंचाकर उसको जीवनदान दे सकते है, पी.सी.बी.आर. के जरिये कैसे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बचाया जाये इसके बारे जानकारी दी गई, इत्यादि के बारे जानकारी दी गई।

सत्र चार:यह कार्यषाला आपको कैसी लगी? (फीड बैक)

सत्र चार में सभी आये प्रतिनिधियों ने बताया कि यह कार्यशाला उनको कैसी लगी जैसे- कार्यशाला में विडियों का प्रयोग अच्छा लगा, कार्यशाला में हमें वह सारी जानकारी प्राप्त हुई जो हम हमारे दैनिक जीवन में काम में ले सकते है, कार्यशाला बहुत अच्छी लगी इसमें हमें कई तरह के सुझाव बताये गये है एवं अगर किसी को कोई जानवर काट लेता है तो किस प्रकार उसकी मदद करनी चाहिए, हमें कार्यशाला से मिली जानकारी को आवश्यक रूप से काम लेंगे व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगे, प्राथमिक उपचार हेतु अत्यधिक उपयोगी लगी, कार्यशाला में उन सब चिजों का पता चला जो पता नहीं था, कार्यशाला में प्राथमिक शिक्षा के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा और सभी डॉक्टर  भी अच्छे लगे जो हमें यहां बुलाकर हमें इतनी अच्छी बाते सिखाई, कार्यशाला में मिली जानकारी से भविष्य में  इन जानकारियों को सही तरीके से काम लूंगा, कार्यशाला विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा की दृष्टि से बहुत सफल रही एवं कार्यशाला का शिक्षण का तरीका बहुत अच्छा लगा, कार्यशाला काफी ज्ञानवर्धक रही एवं प्राथमिक चिकित्सा के बारे में पूर्ण ज्ञान प्राप्त हुआ, कार्यशाल बहुत उपयोगी रही पहले कभी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में इतना नहीं जानते थे, कार्यशाला अधिक महत्वपूर्ण लगी क्योंकि पढ़ाई तो की है लेकिन यह भी मेरी पढ़ाई का एक हिस्सा है जिसमें प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य के बारे में व आँखों के बारे में जाना, इस कार्यशाला में दैनिक जीवन में घटने वाली दुर्घटनाओं एवं उपचार के बारे में बताया गया यह लोगो को भी जागरूक करती है इसलिए अच्छी लगती है। 

सत्र पांचवा : भविष्य मे होने वाली कार्यशालाओं  में आपके और क्या-क्या सुझाव है?

कार्यशाला में विडियों के जरिये बताया गया प्राथमिक उपचार बहुत सराहनीय है आगे भी हर विषय का विडियों के जरिये समझाया जाये तो बहुत अच्छा रहेगा, यह कार्यशालाऐं अधिक से अधिक होनी चाहिए जाकि सभी को जागरूक किया जा सके, प्राथमिक तोर पर डम्मी पर सभी को कार्य करवाना चाहिए, अलग विषयों पर भी कार्यशालाऐं आयोजित करें, ऐसी कार्यशालाओं  आगे और होती रहे, भविष्य मे होेने वाली कार्यशाला में ज्यादा से ज्यादा थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक भी हो, कार्यशाला बच्चों के साथ भी हो ताकि वे भी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जान सके, कार्यशाला में 13-14 वर्ष के बच्चों में शारीरिक बदलाव आने से व्यवहार में भी परिवर्तन आता है उनकी समस्याओं को समझ बनाने हेतु एक मनोचिकित्सक को भी बुलवाकर कार्यशाला आयोजित करें, कार्यशाला में नई जानकारीयां और दी जानी चाहिए, ऐसी कार्यशालाऐं भविष्य में होती रहे ताकि सभी जागरूक हो सके, एसिड अटेक पर दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी भी दी जाए लाभकारी रहेगा, कार्यशाल में प्रेक्टिकल करने में सभी संभागियो को जोड़ा जाये। 

सत्र छः - आप अपने विद्यालय बच्चो के स्वास्थ्य के लिए क्या करते है?

कार्यशाला में आये प्रतिनिधियों ने बताया कि वह अपने विद्यालय में स्वास्थ्य को लेकर निम्न प्रकार के कार्य करते है - विद्यालय में  नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध है, स्वास्थ्य प्रभारी के द्वारा बच्चों, शिक्षकों व माता-पिता को बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति से अवगत कराया जाता है, स्वास्थ्य बेहतर करने की सुविधाएं, विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य जानकारी दी जाती है, प्रार्थना सभा में सभी बच्चों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारीयां दी जाती है, विद्यालय में बच्चों को स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन संतुलित भोजन खाकर आने एवं प्रति दिन दांत साफ करने एवं बच्चों की सफाई का पूरा ध्यान रख कर बच्चों को समय-समय पर इनके लाभ भी बताए जाते है, विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आँखों की जांच, वजन, लम्बाई नापते है, हर शनिवार को बच्चों को नहाने, नाखून काटने, दांत साफ करने के बारे में बताना, विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य हेतु उन्हें स्वस्थ रहने की तरीके बताते है, प्राथमिक उपचार की जानकारी समय-समय पर देते रहते है, सभी बच्चों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी करवाते है, विद्यालय के प्रत्येक बच्चें की सभी स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों पर नजर रखते है, जरूरत पड़ने पर खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा दिये गये फर्स्ट एड बॉक्स से प्राथमिक उपचार देते है तथा खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजते है तथा स्वास्थ्य संबंधी हेतु एक अध्यापक नियुक्त कर रखा है, विद्यालय में हर माह बच्चों का स्वास्थ्य चेकअप होता है, सफाई के बारे में बताते बीमारियों से बचाव के तरीके बतातें तथा जीवन मे होनी वाली दुर्घटनाओं के उदाहरण देकर उनसे बचने के बारे में बताते तथा दुर्घटना होने पर प्राथमिक उपचार की जानकारी देते है, बच्चो की समस्याएं समझ कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है, बच्चों के माता-पिता से खान-पान के बारे में बात करते है, उनकी साफ-सफाई का ख्याल रखते है, शरीर में होने वाली बिमारी क्यों  होती है उस बारे में बातचीत करते है एवं उससे कैसे बचा जा सके उसके लिए माता-पिता से भी बातचीत की जाती है, ब्रश करने एवं बाथरूम जाने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोये और सभी को जागरूक भी करते है, बच्चों के माता-पिता को भी समय-समय पर अवगत कराया जाता है कि बच्चों के बाल, नाखुन व कपड़े साफ-सफाई के बारे में।

कार्यशाला में उपस्थित व विद्यालयो और के नाम: दिगंतर विद्यालय भावगढ़, अर्प्रित चिल्ड्रन ऐकेडमी स्कूल कानडवास, बाल विद्या मंदिर खातीपुरा, मंजू पब्लिक स्कूल कुन्दनपुरा, विनिटा सोसायटी गलता गेट, दिगंतर विद्यालय रेबारियान, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खातीपुरा, नवजयोति पब्लिक स्कूल उदयपुर गिलारिया, बाल भारती स्कूल दांतली, भास्कर पब्लिक स्कूल खातीपुरा रेल्वे स्टेशन, आईडियल पब्लिक स्कूल खौनागोरियान, गणपति पब्लिक स्कूल खौनागोरियान, राजकीय माध्यमिक विद्यालय खौनागोरियान, सेन्ट मेरी कॉनवेन्ट विद्यालय सांगानेर। 


भँवर लाल कुमावत
 कार्यक्रम समन्वयक