Tuesday 4 March 2014

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 256 रोगियों ने परामर्श लिया और 15 लोगों ने आँखों के निःशुल्क ऑपरेशन करवाये ।

On 23rd February 2014 a multi speciality camp was organised at the Health Centre itself. Extensive publicity done in the neighbourhood brought 256 patients to the camp. The major no. of patients was for eye treatment. Subsequently 15 patients were provided free operations for cataract.The laboratory provided 48 free investigations; free medicines were handed out; a cancer awareness camp was held and 24 women were investigated for breast cancer..

 दिनांक 23 फरवरी, 2014 को खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर, टोडीरमजानीपुरा, जगतपुरा जयपुर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर सम्पन्न हुआ गांव, ढाणियों, कॉलोनीयों 256 लोगों ने अपने स्वास्थ्य के बारे में परामर्श लिया।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में निम्न विशेषज्ञों द्वारा जाँच, परामर्श सुविधा दी गई:-

  • फिजिशियन (हदय एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ) - डॉ. हनुमान सिंह, डॉ. प्रेम शेखावत नें 63 रोगीयों को परामर्श दिया। 
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ - डॉ. अरूणा कँवर ने 12 महिलाओं को परामर्श दिया। 
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ - डॉ. अपूर्व कोटिया ने 120 रोगियो को परामर्श दिया एवं 15 रोगियों को मोतियाबिन्द के ऑपरेशन किये गये। 
  • नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ - डॉ. रितु गुप्ता ने 33 रोगियों को परामर्श दिये। 
  • दन्त रोग विशेषज्ञ - डॉ. संजय गुप्ता नें 29 रोगियों को परामर्श दिये। 
  • डॉ. सुभाष मोटवाल एवं डॉ. कोटवाल (कैंसर रिलीफ सोसायटी, एस.एम.एस. हॉस्पीटल) 
  • डॉ. सुमन गहलोत एवं कोशिश संस्थान (Mastectomy Association of India, Jaipur) के 3 वॉलियन्टरी सदस्यों द्वारा की गई जिसमें ब्रेस्ट कैंसर के 24 महिलाओं की जांच की गई जिसमें 2 महिलाओं रैफर किया गया। 

कैम्प के दौरान 214 रोगियों को मुफ्त दवाईयां दी गई एवं 48 रोगियों की जांच निःशुल्क की गई औरं 15 मोतिया बिन्द के ऑपरेशन निःशुल्क किये गये।









चिकित्सा शिविर को सहयोग: रोमा बक्शी मेमोरियल फण्ड द्वारा किया गया। 


        
  








































































भँवर लाल कुमावत
कार्यक्रम समन्वयक

14 सरकारी व् गैर सरकारी विद्यालयों के अध्यापक, अध्यापिकाओं व् सीनियर छात्र / छात्राओं के साथ फर्स्ट एड स्वास्थ्य प्रक्षिशण कार्यशाला संपन्न हुई ।

दिनांक 15 फरवरी 2014 को प्रातः 9.30 बजे सेे सांय 4.00 बजे तक खेजड़ी सर्वोदय स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा दिगंतर संस्था, जगतपुरा में एक दिवसीय प्राथमिक उपचार प्रक्षिशण कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में जयपुर जिले के आस-पास के 12 गांवों से 32 प्रतिनिधिओ ने सरकारी व प्राईवेट विद्यालयों से 11 महिला अध्यापिकाये, 10 पुरूष अध्यापक, सिनियर 7 छात्राओ व 4 छात्र ने भाग लिया। कार्यशाला के प्रतिभागियों ने प्रक्षिशण का आनन्द लिया। 


कार्यशाला की अध्यक्षता एवं स्वागत श्रीमति जी.जे. उन्नीथान (मानद निदेशक) खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र ने कीया। कार्यषाला में डॉ.अपूर्व कोटिया (ऑख विषेषज्ञ), डॉ. सुनीता शर्मा (Physician), ने मानव शरीर की मुख्य बिमारीयों के बारे में एवं घायल व्यक्ति को स्वास्थ्य प्रशिक्षण कैसे दे उसके बारे में अवगत करवाया एवं प्रो. माया टंडन ने पावर पाइंट के जरिये व मानव डम्मी के जरिये बताया कि हमारा शरीर का कार्य एवं हडडी टुटने पर कैसे अस्पताल पहुचांया जाये और हडडी टूटने पर प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाये। 


कार्यशाला में सभी प्रतिनिधियों को आग लगने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे व डॉ. माया टण्डन द्वारा सी.पी.आर. कैसे दिया जाता है उसे लेकर ब्रोशर भी वितरीत किये गये एवं सामाजिक विधि अध्ययन संस्थान जयपुर द्वारा सभी प्रतिनिधियों को ‘‘अ से अधिकार’’ नामक पुस्तिका भी दी गई जिसमे बाल अधिकारों के सम्बन्ध में एक दृष्टिकोण है। कार्यशाला काफी ज्ञानवर्धक रही और सभी का कहना था कि ऐसी कार्यशालाओ में भाग लेना अवसर हमें मिलता रहे है तो हम स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लोगो तक पहुचां पायेंगे जिससे अन्य लोग भी जागरूक हो सकेंगे। कार्यशाला के अन्त में खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र की मानद निदेशक श्रीमति जी.जे. उन्नीथान ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किये गये एवं सभी आये डॉक्टर एवं प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। 

इस  कार्यशाला को सहयोग चिल्ड्रन ऑफ टूमारो निधारलेंड एवं दिगंतर संस्थान द्वारा किया गया। 

मूल्यांकन सीट

कुल प्रतिनिधी : 32 पुरूष: 10 महिलायें : 11
                               छात्र: 4 छात्रायें    : 7
कुल विद्यालय : 14 सरकारी विद्यालय  : 2 गैर सरकारी विद्यालय : 12

सत्र एक: आंखो में होने वाली बीमारियां के बारे उपयोगी बातें:-

डॉ. अर्पूव कोटिया (ऑख विशेषज्ञ) ने अपने सत्र में पावर पाइंट प्रस्तुति के जरिये निम्न प्रकार की जानकारिया दी गई जैसे मोतियाबिन्द, मधुमेह, आंखो में सूजन, लेंस, इंफेक्शन, चोटग्रस्त, आंख का पर्दा फटना, डायबीटीज से आंखो में क्या समस्या होती है, आंख की बीमारियों के लक्षण के बारे में, चश्मा किस कारण लगता है, आंख मे कुछ गिर जाने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे, आंख में प्रतिबिम्ब कैसे बनता है, आंखो की सुरक्षा व बचाव कैसे रखे, आंख का प्राथमिक उपचार के बारे में, आंखो के लिए संतुलित क्या-क्या आहार लेना, कम्प्यूटर व टी.वी. को सीमित दूरी से देखना, पलको को समयनुसार झपकाते रहना इत्यादि के बारे जानकारी दी। 

सत्र दूसरे: मानव शरीर क्या जाना और क्या उपयोगी लगा?

डॉ. सुनीता शर्मा ने अपने सत्र में पावर पाइंट प्रस्तुति के जरिये फोटोग्राफ एवं विडियों दिखा कर निम्न प्रकार की जानकारिया दी जैसे मानव शरीर की संरचना के बारे में, शरीर को किस प्रकार स्वच्छ रख सकते है, मधुमेह, नकसीर आना, दिल का दौरा पड़ना, नाक, श्वास, गला, मुह, मस्तिष्क, हदय, फेफडे की बिमारियों व उपचार के बारे जानकारी दी गई, सांप, जानवर, कुत्ते, बन्दर व अन्य जानवर के काटने पर क्या प्राथमिक उपचार करे उसके बारे में बताया गया, मिर्गी के दोरे आने पर क्या करना, बेहोशी की हालत मे क्या करना, शरीर में दर्द होने पर प्राथमिक उपचार कैसे करे उसके बारे में, शरीर का कौनसा अंग किस कारण प्रभावित होता है और उसे उन कारणों से प्रभावित होने से कैसे बचाना है अन्य जानकारी दी गई।

सत्र तीसरा: प्राथमिक उपचार के तरीके :-

डॉ. सुनीता शर्मा एवं सीनीयर नर्स श्रीजा ने प्रेक्टिकल करके दिखाया कि हाथ, पैर, कमर, हडडी पर आई चोट पर प्राथमिक उपचार के बारे में पटटी बांधना, खपच्चियां किस तरह बांधना यह अवगत करवाया गया, चोट लगने पर बहते हुए खून को कैसे रोका जाये एवं क्रत्रिम स्वांस क्रिया से मरीज को श्वास चल सकती है और मरीज की जान भी बचा सकते है, जीवन की सुरक्षा प्रणाली के बारे में बताया गया।





प्रो. माया टंडन ने अपने सत्र में निम्न जानकारी विधिवत रूप से पावर पाईंट एवं अपनी वॉइस द्वारा प्रस्तुति करके व प्रेक्टीकल रूप करके दिखाया व अन्य जानकारी भी दी गई जैसे-डोकुमैन्ट्री फिल्म के जरिये सड़क दुर्घटनागस्त व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते है, सडक दुर्घटना, आग से जलना, पानी में डूबने, बिजली का झटका लगने पर रोगी को क्या प्राथमिक उपचार दे सकते है। स्वशन क्रिया के माध्यम से कैसे दुर्घनाग्रस्त व्यक्ति को बचाया जा सकता है, डम्मी द्वारा बेहोष व्यक्ति को कृत्रिम श्वास देकर आप उसे होष में लाना, कैसे आप किसी व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दे कर उसे सुरक्षित अस्पताल पहुंचाकर उसको जीवनदान दे सकते है, पी.सी.बी.आर. के जरिये कैसे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बचाया जाये इसके बारे जानकारी दी गई, इत्यादि के बारे जानकारी दी गई।

सत्र चार:यह कार्यषाला आपको कैसी लगी? (फीड बैक)

सत्र चार में सभी आये प्रतिनिधियों ने बताया कि यह कार्यशाला उनको कैसी लगी जैसे- कार्यशाला में विडियों का प्रयोग अच्छा लगा, कार्यशाला में हमें वह सारी जानकारी प्राप्त हुई जो हम हमारे दैनिक जीवन में काम में ले सकते है, कार्यशाला बहुत अच्छी लगी इसमें हमें कई तरह के सुझाव बताये गये है एवं अगर किसी को कोई जानवर काट लेता है तो किस प्रकार उसकी मदद करनी चाहिए, हमें कार्यशाला से मिली जानकारी को आवश्यक रूप से काम लेंगे व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगे, प्राथमिक उपचार हेतु अत्यधिक उपयोगी लगी, कार्यशाला में उन सब चिजों का पता चला जो पता नहीं था, कार्यशाला में प्राथमिक शिक्षा के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा और सभी डॉक्टर  भी अच्छे लगे जो हमें यहां बुलाकर हमें इतनी अच्छी बाते सिखाई, कार्यशाला में मिली जानकारी से भविष्य में  इन जानकारियों को सही तरीके से काम लूंगा, कार्यशाला विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा की दृष्टि से बहुत सफल रही एवं कार्यशाला का शिक्षण का तरीका बहुत अच्छा लगा, कार्यशाला काफी ज्ञानवर्धक रही एवं प्राथमिक चिकित्सा के बारे में पूर्ण ज्ञान प्राप्त हुआ, कार्यशाल बहुत उपयोगी रही पहले कभी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में इतना नहीं जानते थे, कार्यशाला अधिक महत्वपूर्ण लगी क्योंकि पढ़ाई तो की है लेकिन यह भी मेरी पढ़ाई का एक हिस्सा है जिसमें प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य के बारे में व आँखों के बारे में जाना, इस कार्यशाला में दैनिक जीवन में घटने वाली दुर्घटनाओं एवं उपचार के बारे में बताया गया यह लोगो को भी जागरूक करती है इसलिए अच्छी लगती है। 

सत्र पांचवा : भविष्य मे होने वाली कार्यशालाओं  में आपके और क्या-क्या सुझाव है?

कार्यशाला में विडियों के जरिये बताया गया प्राथमिक उपचार बहुत सराहनीय है आगे भी हर विषय का विडियों के जरिये समझाया जाये तो बहुत अच्छा रहेगा, यह कार्यशालाऐं अधिक से अधिक होनी चाहिए जाकि सभी को जागरूक किया जा सके, प्राथमिक तोर पर डम्मी पर सभी को कार्य करवाना चाहिए, अलग विषयों पर भी कार्यशालाऐं आयोजित करें, ऐसी कार्यशालाओं  आगे और होती रहे, भविष्य मे होेने वाली कार्यशाला में ज्यादा से ज्यादा थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक भी हो, कार्यशाला बच्चों के साथ भी हो ताकि वे भी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जान सके, कार्यशाला में 13-14 वर्ष के बच्चों में शारीरिक बदलाव आने से व्यवहार में भी परिवर्तन आता है उनकी समस्याओं को समझ बनाने हेतु एक मनोचिकित्सक को भी बुलवाकर कार्यशाला आयोजित करें, कार्यशाला में नई जानकारीयां और दी जानी चाहिए, ऐसी कार्यशालाऐं भविष्य में होती रहे ताकि सभी जागरूक हो सके, एसिड अटेक पर दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी भी दी जाए लाभकारी रहेगा, कार्यशाल में प्रेक्टिकल करने में सभी संभागियो को जोड़ा जाये। 

सत्र छः - आप अपने विद्यालय बच्चो के स्वास्थ्य के लिए क्या करते है?

कार्यशाला में आये प्रतिनिधियों ने बताया कि वह अपने विद्यालय में स्वास्थ्य को लेकर निम्न प्रकार के कार्य करते है - विद्यालय में  नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध है, स्वास्थ्य प्रभारी के द्वारा बच्चों, शिक्षकों व माता-पिता को बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति से अवगत कराया जाता है, स्वास्थ्य बेहतर करने की सुविधाएं, विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य जानकारी दी जाती है, प्रार्थना सभा में सभी बच्चों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारीयां दी जाती है, विद्यालय में बच्चों को स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन संतुलित भोजन खाकर आने एवं प्रति दिन दांत साफ करने एवं बच्चों की सफाई का पूरा ध्यान रख कर बच्चों को समय-समय पर इनके लाभ भी बताए जाते है, विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आँखों की जांच, वजन, लम्बाई नापते है, हर शनिवार को बच्चों को नहाने, नाखून काटने, दांत साफ करने के बारे में बताना, विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य हेतु उन्हें स्वस्थ रहने की तरीके बताते है, प्राथमिक उपचार की जानकारी समय-समय पर देते रहते है, सभी बच्चों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी करवाते है, विद्यालय के प्रत्येक बच्चें की सभी स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों पर नजर रखते है, जरूरत पड़ने पर खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा दिये गये फर्स्ट एड बॉक्स से प्राथमिक उपचार देते है तथा खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजते है तथा स्वास्थ्य संबंधी हेतु एक अध्यापक नियुक्त कर रखा है, विद्यालय में हर माह बच्चों का स्वास्थ्य चेकअप होता है, सफाई के बारे में बताते बीमारियों से बचाव के तरीके बतातें तथा जीवन मे होनी वाली दुर्घटनाओं के उदाहरण देकर उनसे बचने के बारे में बताते तथा दुर्घटना होने पर प्राथमिक उपचार की जानकारी देते है, बच्चो की समस्याएं समझ कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है, बच्चों के माता-पिता से खान-पान के बारे में बात करते है, उनकी साफ-सफाई का ख्याल रखते है, शरीर में होने वाली बिमारी क्यों  होती है उस बारे में बातचीत करते है एवं उससे कैसे बचा जा सके उसके लिए माता-पिता से भी बातचीत की जाती है, ब्रश करने एवं बाथरूम जाने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोये और सभी को जागरूक भी करते है, बच्चों के माता-पिता को भी समय-समय पर अवगत कराया जाता है कि बच्चों के बाल, नाखुन व कपड़े साफ-सफाई के बारे में।

कार्यशाला में उपस्थित व विद्यालयो और के नाम: दिगंतर विद्यालय भावगढ़, अर्प्रित चिल्ड्रन ऐकेडमी स्कूल कानडवास, बाल विद्या मंदिर खातीपुरा, मंजू पब्लिक स्कूल कुन्दनपुरा, विनिटा सोसायटी गलता गेट, दिगंतर विद्यालय रेबारियान, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खातीपुरा, नवजयोति पब्लिक स्कूल उदयपुर गिलारिया, बाल भारती स्कूल दांतली, भास्कर पब्लिक स्कूल खातीपुरा रेल्वे स्टेशन, आईडियल पब्लिक स्कूल खौनागोरियान, गणपति पब्लिक स्कूल खौनागोरियान, राजकीय माध्यमिक विद्यालय खौनागोरियान, सेन्ट मेरी कॉनवेन्ट विद्यालय सांगानेर। 


भँवर लाल कुमावत
 कार्यक्रम समन्वयक